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श्री राहु मंत्र: जाप विधि, शुभ अवसर, लाभ और महत्व

राहु मंत्र: परिचय

राहु वैदिक ज्योतिष के नौ ग्रहों में एक छाया ग्रह है, जिसे रहस्यमयता, अचानक बदलाव, भ्रम, भटकाव और कर्मों के फल से जोड़ा जाता है। जब कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में होता है, तो जीवन में अनेक मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में राहु के विशेष मंत्रों का जाप न केवल राहु दोष को शांत करता है, बल्कि जीवन में स्थिरता, स्पष्टता और सकारात्मक ऊर्जा भी लाता है। नीचे दिए गए राहु बीज मंत्र, गायत्री मंत्र, तांत्रिक मंत्र, कवच और स्तुति आदि से व्यक्ति राहु की कृपा प्राप्त कर सकता है और अपने जीवन को संतुलित बना सकता है।

1. राहु बीज मंत्र (Rahu Beej Mantra)

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।

Om Bhram Bhreem Bhroum Sah Rahave Namah।

👉 यह मंत्र राहु ग्रह के प्रभाव को शांत करने और शुभ फल प्राप्त करने के लिए सबसे प्रमुख माना जाता है।

 

2. राहु तांत्रिक मंत्र (Rahu Tantrik Mantra)

ॐ राम राहवे नमः।

Om Raam Rahave Namah।

👉 यह मंत्र तांत्रिक साधनाओं में प्रयुक्त होता है और राहु के दोषों को दूर करने में सहायक है।

 

3. राहु शांति मंत्र (Rahu Shanti Mantra)

अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्।
सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्॥

Ardhakaayam Mahaaveeryam ChandraAditya Vimardanam,
Simhika Garbha Sambhootam Tam Rahum Pranamaamyaham॥

👉 यह शांति मंत्र राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों से बचाने के लिए बोला जाता है।

 

4. नवग्रह मंत्र में राहु का भाग (Rahu in Navagraha Mantra)

ॐ केतुं च राहुं चैव अन्यान् ग्रहांश्च यथाक्रमम्।
Om Ketum Cha Rahum Chaiv Anyaan Grahanshcha Yathaakramam।

👉 नवग्रह पूजन में राहु के लिए यह मंत्र बोला जाता है।

 

5. राहु गायत्री मंत्र (Rahu Gayatri Mantra)

ॐ नागध्वजाय विद्महे पद्महस्ताय धीमहि।
तन्नो राहुः प्रचोदयात्॥

Om Naagadhwajaaya Vidmahe Padmahastaaya Dheemahi,
Tanno Rahu Prachodayat॥

👉 यह मंत्र राहु की ऊर्जा को पॉजिटिव रूप में एक्टिव करने हेतु उपयोगी है।

 

6. राहु स्तोत्र मंत्र (Rahu Stotra Mantra)

अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रादित्यविमर्दनम्।
सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्॥

Ardhakaayam Mahaaveeryam ChandraAditya Vimardanam,
Simhika Garbha Sambhootam Tam Rahum Pranamaamyaham

👉 यह स्तोत्र रूप में है और राहु को नमन करता है। रोजाना इसका जप राहु दोष से मुक्ति देता है।

 

7. राहु ग्रह स्तुति मंत्र (Rahu Grah Stuti Mantra)

नमः क्रूराय कालाय कटु रूपाय ते नमः।
शिरो मुण्डधरायैव चर्ममुण्डधराय च॥

Namah Kruraaya Kaalaaya Katu Roopaaya Te Namah।
Shiro Mundadharaayaiva Charmamundadharaaya Cha॥

👉 इस मंत्र से राहु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और अदृश्य रुकावटें दूर होती हैं।

 

8. राहु ग्रह शांति मंत्र (Rahu Graha Shanti Mantra)

नीलवर्णः शूलपाणिः रौद्ररूपः सुरार्दनः।
कालदृष्टिः क्रूरकर्मा राहुः शांतिप्रदः सदा॥

Neelavarnah Shoolapaanih Raudraroopah Suraardanah।
Kaaladrishtih Kroorakarmaa Raahuh Shaantipradah Sadaa॥

👉 यह मंत्र विशेष रूप से शांति और मानसिक स्थिरता के लिए उपयोगी है।

 

9. राहु रक्षात्मक मंत्र (Protection Mantra of Rahu)

ॐ राहवे हुम फट् स्वाहा।

Om Rahave Hum Phat Swaha।



👉 यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और गुप्त शत्रु से रक्षा करता है।

 

10. राहु कवच मंत्र (Rahu Kavach Mantra)

ॐ राहवे नमः – मूर्ध्नि पातु।

ॐ भद्रकाय – ललाटं पातु।

ॐ चण्डकाय – नेत्रयोः पातु।

ॐ कालदृष्टये – कर्णयोः पातु॥


Om Rahave Namah – Moordhni Paatu।
Om Bhadrakaaya – Lalaatam Paatu।
Om Chandakaaya – Netrayoh Paatu।
Om Kaaladrishtaye – Karnayoh Paatu॥

👉 यह राहु का कवच मंत्र है, जिसे सिर, आंख, कान आदि की रक्षा हेतु प्रयोग किया जाता है।

 

 

🕉️ राहु मंत्र जाप विधि (Japa Vidhi)

🌑 शुभ अवसर (Shubh Avsar)

🌟 लाभ (Benefits)

📿 महत्व (Importance)

राहु ग्रह जीवन में आकस्मिक परिवर्तन, मोह-माया, और छल-प्रपंच को दर्शाता है। यदि राहु अनुकूल हो, तो यह व्यक्ति को ऊँचाइयों तक पहुंचा सकता है, लेकिन यदि अशुभ हो, तो भ्रम और रुकावटों का कारण बनता है। इसलिए राहु मंत्र का जाप एक प्रभावशाली उपाय है जो न केवल राहु को संतुलित करता है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी व्यक्ति को मजबूत बनाता है। यह मंत्र व्यक्ति को मानसिक शांति, आत्म-विश्वास और राहु की कृपा दिलाने में अत्यंत सहायक है।






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