Arti Shri Yugal Kishor Ji ki
आरती युगल किशोर की कीजै,राधे धन न्यौछावर कीजै।
आरती युगल किशोर की कीजै,
राधे धन न्यौछावर कीजै।
रवि शशि कोटि बदन की शोभा,
ताहि निरखि मेरा मन लोभा।
आरती युगल किशोर की कीजै||...
गौर श्याम मुख निरखत रीझै,
प्रभु को स्वरुप नयन भर पीजै।
कंचन थार कपूर की बाती,
हरि आये निर्मल भई छाती।
आरती युगल किशोर की कीजै||...
फूलन की सेज फूलन की माला,
रतन सिंहासन बैठे नन्दलाला।
मोर मुकुट कर मुरली सोहै,
नटवर वेष देखि मन मोहै।
आरती युगल किशोर की कीजै||...
आधा नील पीत पटसारी,
कुञ्ज बिहारी गिरिवरधारी।
श्री पुरुषोत्तम गिरवरधारी,
आरती करें सकल ब्रजनारी।
आरती युगल किशोर की कीजै||...
नन्द लाला वृषभानु किशोरी,
परमानन्द स्वामी अविचल जोरी।
आरती युगल किशोर की कीजै,
राधे धन न्यौछावर कीजै।
आरती युगल किशोर की कीजै||...
|| इति संपूर्णंम् ||
अपने घर में सौंदर्य और शुभता का संगम जोड़ें।
श्रीकृष्ण की यह सुंदर मूर्ति न केवल आकर्षण बढ़ाएगी बल्कि आध्यात्मिक शांति भी लाएगी।
आज ही इसे अपनाएं और अपने स्थान को पवित्र बनाएं।
Yugal Kishor Ji Ki Arti PDF
युगल किशोर जी की आरती: पूजा विधि, लाभ, मंत्र, शुभ अवसर और अर्थ
युगल किशोर आरती पूजा विधि
पूजा का समय:
- सुबह और शाम का समय सबसे शुभ माना जाता है।
- विशेष त्योहारों जैसे जन्माष्टमी, राधाष्टमी और पूर्णिमा के दिन पूजा विशेष फलदायी होती है।
आवश्यक सामग्री:
- भगवान श्रीकृष्ण और राधा की मूर्ति या चित्र।
- फूलों की माला, तुलसी पत्र और चंदन।
- कपूर और घी का दीपक।
- भोग के लिए दूध, माखन, और मिठाई।
- शंख और घंटी।
पूजा की प्रक्रिया:
1. पूजा स्थल को स्वच्छ करें और राधा-कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें।
2. दीपक जलाकर भगवान को पुष्प और चंदन अर्पित करें।
3. "आरती श्री युगल किशोर जी की" गाएं और भोग अर्पित करें।
4. तुलसी पत्र के साथ भोग भगवान को चढ़ाएं।
5. आरती के बाद शंख और घंटी बजाते हुए भगवान से प्रार्थना करें।
6. अंत में प्रसाद सभी भक्तों में वितरित करें।
युगल किशोर आरती लाभ
1. मानसिक शांति: आरती करने से मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
2. परिवारिक सौहार्द: परिवार में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
3. समृद्धि: यह आरती धन-धान्य और समृद्धि लाने में सहायक होती है।
4. आध्यात्मिक विकास: भगवान के प्रति भक्ति में वृद्धि होती है और आत्मा का विकास होता है।
5. नकारात्मकता का नाश: जीवन में से सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
युगल किशोर मंत्र
मुख्य आरती मंत्र:
"आरती युगल किशोर की कीजै,
राधे धन न्यौछावर कीजै।"
ध्यान मंत्र:
"रवि शशि कोटि बदन की शोभा,
ताहि निरखि मेरा मन लोभा।"
युगल किशोर आरती शुभ अवसर
1. जन्माष्टमी: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस पर यह आरती विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है।
2. राधाष्टमी: राधा रानी के जन्मदिवस पर यह आरती अत्यधिक शुभ होती है।
3. पूर्णिमा: पूर्णिमा के दिन यह पूजा और आरती करने से विशेष लाभ होता है।
4. एकादशी: व्रत के साथ इस दिन आरती करना भक्तों के लिए सुख और शांति का मार्ग प्रशस्त करता है।
5. नित्य आरती: रोज सुबह और शाम आरती करने से जीवन में सकारात्मकता और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
आरती युगल किशोर की अर्थ
"आरती युगल किशोर की कीजै,
राधे धन न्यौछावर कीजै।"
**अर्थ:** यह पंक्ति भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के प्रति भक्ति और समर्पण को व्यक्त करती है।
"रवि शशि कोटि बदन की शोभा,
ताहि निरखि मेरा मन लोभा।"
**अर्थ:** भगवान का मुख सूर्य और चंद्रमा की हजारों किरणों के समान उज्ज्वल है, जो मन को आकर्षित करता है।
"फूलन की सेज फूलन की माला,
रतन सिंहासन बैठे नन्दलाला।"
**अर्थ:** भगवान फूलों की सेज पर विराजमान हैं और उनका सिंहासन रत्नों से सुसज्जित है।
आरती श्री युगल किशोर जी की भगवान राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम और भक्ति को दर्शाती है। इसे नियमित रूप से करने से मानसिक शांति, पारिवारिक सुख, और समृद्धि प्राप्त होती है। यह आरती भक्तों को भगवान के प्रति समर्पण और भक्ति की ओर प्रेरित करती है, जिससे जीवन में आध्यात्मिक उन्नति होती है।
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