आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की।
जा की कृपा विपुल सुखकारी, दु:ख शोक, संकट, भयहारी। आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की||...
शिरडी में अवतार रचाया, चमत्कार से तत्व दिखाया।
कितने भक्त चरण पर आये, वे सुख शान्ति चिरंतन पाये। आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की||...
भाव धरै जो मन में जैसा, पावत अनुभव वो ही वैसा।
गुरु की उदी लगावे तन को, समाधान लाभत उस मन को। आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की||...
साईं नाम सदा जो गावे, सो फल जग में शाश्वत पावे।
गुरुवासर करि पूजा-सेवा, उस पर कृपा करत गुरुदेवा। आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की||...
राम, कृष्ण, हनुमान रुप में, दे दर्शन, जानत जो मन में।
विविध धर्म के सेवक आते, दर्शन कर इच्छित फल पाते। आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की||...
जै बोलो साईं बाबा की, जै बोलो अवधूत गुरु की।
'साईंदास' आरती को गावै, घर में बसि सुख, मंगल पावे। आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की||...
|| इति संपूर्णंम् ||
श्री साईं बाबा जी की आरती का महत्व
श्री साईं बाबा जी की आरती का सारांश, प्रभाव और आध्यात्मिक लाभ
आरती का सारांश:
श्री साईं बाबा की आरती भक्ति और श्रद्धा से गाई जाती है और इसमें बाबा की महिमा, उनकी कृपा और उनके भक्तों के जीवन पर उनके प्रभाव का वर्णन किया गया है। यहाँ पर इस आरती के मुख्य बिंदुओं का सारांश प्रस्तुत किया गया है: साईं बाबा की महिमा और कृपा:
"आरती श्री साईं गुरुवर की, परमानन्द सदा सुरवर की। जा की कृपा विपुल सुखकारी, दु:ख शोक, संकट, भयहारी॥"
श्री साईं बाबा की आरती में उनके अद्वितीय गुण और कृपा का वर्णन है। यह उनकी कृपा के माध्यम से भक्तों के दुख, शोक, संकट और भय से मुक्ति का वादा करती है। शिरडी में अवतार:
"शिरडी में अवतार रचाया, चमत्कार से तत्व दिखाया। कितने भक्त चरण पर आये, वे सुख शान्ति चिरंतन पाये॥"
बाबा ने शिरडी में अवतार लिया और अपनी चमत्कारी शक्तियों से तत्व ज्ञान प्रकट किया। उनके चरणों पर आने वाले भक्तों को चिरकालिक सुख और शांति प्राप्त होती है। भाव और अनुभव:
"भाव धरै जो मन में जैसा, पावत अनुभव वो ही वैसा। गुरु की उदी लगावे तन को, समाधान लाभत उस मन को॥"
भक्त जिस भाव से बाबा की पूजा करते हैं, उन्हें उसी भाव का अनुभव प्राप्त होता है। बाबा की उदी (चमत्कारी राख) का सेवन करने से मनुष्य को समाधानों की प्राप्ति होती है। Sाईं नाम की महिमा:
"साईं नाम सदा जो गावे, सो फल जग में शाश्वत पावे। गुरुवासर करि पूजा-सेवा, उस पर कृपा करत गुरुदेवा॥"
जो व्यक्ति साईं का नाम निरंतर लेते हैं, उन्हें शाश्वत फल प्राप्त होता है। बाबा की पूजा और सेवा पर वे कृपा बरसाते हैं। धार्मिक रूप में दर्शन:
"राम, कृष्ण, हनुमान रुप में, दे दर्शन, जानत जो मन में। विविध धर्म के सेवक आते, दर्शन कर इच्छित फल पाते॥"
बाबा विभिन्न धार्मिक रूपों में दर्शन देते हैं और विभिन्न धर्मों के भक्तों को उनकी इच्छित फल प्राप्त होता है।
श्री साईं बाबा जी की आरती का प्रभाव:
"जै बोलो साईं बाबा की, जै बोलो अवधूत गुरु की। 'साईंदास' आरती को गावै, घर में बसि सुख, मंगल पावे॥"
जो व्यक्ति इस आरती का पाठ करता है और साईं बाबा की स्तुति करता है, उसके घर में सुख और मंगल आता है। भक्तों की सुरक्षा और शांति:
श्री साईं बाबा की आरती से भक्तों को मानसिक शांति और सुरक्षा प्राप्त होती है। बाबा की कृपा से उनके जीवन के संकट और समस्याएँ दूर होती हैं। भक्ति और समर्पण:
आरती का नियमित पाठ भक्तों की भक्ति और समर्पण को बढ़ाता है। यह साईं बाबा के प्रति गहरी श्रद्धा और प्रेम को दर्शाता है। धार्मिक समृद्धि:
आरती के माध्यम से भक्तों को बाबा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो उनके जीवन में धार्मिक समृद्धि और सुख-समृद्धि लाता है।
श्री साईं बाबा जी की आरती का आध्यात्मिक लाभ:
आध्यात्मिक उन्नति:
श्री साईं बाबा की आरती से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह उनकी भक्ति और समर्पण को प्रगाढ़ करता है और उन्हें आत्मज्ञान की ओर ले जाता है। संकट नाशक:
इस आरती के पाठ से जीवन की समस्याओं और संकटों का समाधान होता है। बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने से भक्तों के जीवन में बाधाएँ दूर होती हैं। आशीर्वाद की प्राप्ति:
नियमित रूप से इस आरती का पाठ करने से भक्तों को बाबा का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है। सारांश में:
श्री साईं बाबा की आरती उनके दिव्य गुणों और उनकी कृपा का गुणगान करती है। यह आरती भक्तों के जीवन को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करती है और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है।