सृष्टि रूप तुही है
जननी शिवसंग रंगराता।
नन्दी भृंगी बीन लही
सारा जग मदमाता॥ जय पार्वती माता||...
देवन अरज करत
हम चित को लाता।
गावत दे दे ताली,
मन में रंगराता॥ जय पार्वती माता||...
श्री प्रताप आरती मैया की,
जो कोई गाता।
सदासुखी नित रहता
सुख सम्पत्ति पाता॥ जय पार्वती माता||...
|| इति संपूर्णंम् ||
श्री पार्वती माता जी की आरती का महत्व
श्री पार्वती माता जी की आरती का सारांश, प्रभाव और आध्यात्मिक लाभ
आरती का सारांश:
श्री पार्वती माता की आरती श्रद्धा और भक्ति से गाई जाती है। इसमें माता पार्वती की महिमा, उनके दिव्य स्वरूप, और उनकी आराधना का गुणगान किया गया है। यहाँ पर इस आरती के प्रमुख बिंदुओं का सारांश प्रस्तुत किया गया है: माता की महिमा और आराधना:
"जय पार्वती माता"
भक्त माता पार्वती की पूजा करते हुए, उनकी महिमा का गुणगान करते हैं और उन्हें जयकारा देते हैं। माता की दिव्यता:
माता पार्वती को शक्ति, प्रेम, और समर्पण की देवी के रूप में पूजा जाता है। उनके स्वरूप में दिव्यता और सौंदर्य की भावना व्यक्त की जाती है। माता की पूजा विधियाँ:
आरती में माता को विभिन्न भेंट, पुष्प, और पूजा सामग्री अर्पित की जाती है। यह पूजा विधियाँ माता की आराधना और सम्मान को दर्शाती हैं। भक्तों की इच्छाएँ पूरी होती हैं:
जो भी भक्त श्रद्धा पूर्वक माता की आरती गाता है, उसकी इच्छाएँ पूरी होती हैं और वह माता का आशीर्वाद प्राप्त करता है।
श्री पार्वती माता जी की आरती का प्रभाव:
मन की शांति और संतोष:
माता पार्वती की आरती से भक्तों को मानसिक शांति और संतोष प्राप्त होता है। यह आरती भक्तों के मन को शांति प्रदान करती है और उन्हें आत्मिक संतुलन में मदद करती है। भक्ति और समर्पण:
आरती का नियमित पाठ भक्तों की भक्ति और समर्पण को बढ़ाता है। यह माता के प्रति गहरी श्रद्धा और प्रेम को दर्शाता है और भक्तों के मन को पवित्र बनाता है। धार्मिक समृद्धि:
आरती के माध्यम से भक्तों को माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो उनके जीवन में धार्मिक समृद्धि और सुख-समृद्धि लाता है।
श्री पार्वती माता जी की आरती का आध्यात्मिक लाभ:
आध्यात्मिक उन्नति:
माता पार्वती की आरती से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह उनकी भक्ति और समर्पण को प्रगाढ़ करता है और उन्हें आध्यात्मिक रूप से ऊँचा उठाता है। संकट नाशक:
इस आरती के पाठ से जीवन की समस्याओं और संकटों का समाधान होता है। माता का आशीर्वाद प्राप्त करने से भक्तों के जीवन में बाधाएँ दूर होती हैं और उन्हें सुखद अनुभव होता है। आशीर्वाद की प्राप्ति:
नियमित रूप से इस आरती का पाठ करने से भक्तों को माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है। यह आशीर्वाद भक्तों की इच्छाओं को पूरा करता है और उन्हें मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है। सारांश में:
श्री पार्वती माता की आरती माता की महिमा का गुणगान करती है, उनके दिव्य स्वरूप की पूजा करती है, और भक्तों के जीवन को सुख और समृद्धि प्रदान करती है। यह आरती मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, और संकटों से मुक्ति का साधन है।