Chalisa Arti Paath & Stuti Mantra & Japa Festivals Vart & Katha Dharmik Blog

Shri Kalaratri Mata Ji Ki Arti Lyrics

कालरात्रि जय जय महाकाली।काल के मुंह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।महाचंडी तेरा अवतारा॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा।महाकाली है तेरा पसारा॥
खड्ग खप्पर रखने वाली।दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा।सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी।गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा।कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी।ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवे।महाकाली माँ जिसे बचावे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह।कालरात्रि माँ तेरी जय॥
|| इति संपूर्णंम् ||


श्री कालरात्रि माता जी की आरती का महत्व

श्री कालरात्रि माता जी की आरती का सारांश, प्रभाव और आध्यात्मिक लाभ

आरती का सारांश:
माँ की महिमा:
"कालरात्रि जय जय महाकाली। काल के मुंह से बचाने वाली॥"
माता कालरात्रि की जयकार की जाती है, जो समय के दुष्ट प्रभावों से बचाने वाली हैं।
दुष्ट संघारक और अवतार:
"दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतारा॥"
माता का नाम दुष्टों का नाशक है और उनका अवतार महाचंडी के रूप में है।
विश्वव्यापी प्रभाव:
"पृथ्वी और आकाश पे सारा। महाकाली है तेरा पसारा॥"
माता महाकाली का प्रभाव पृथ्वी और आकाश पर समान रूप से फैला हुआ है।
विशेष गुण:
"खड्ग खप्पर रखने वाली। दुष्टों का लहू चखने वाली॥"
माता खड्ग और खप्पर के साथ दुष्टों का नाश करती हैं और उनके रक्त का सेवन करती हैं।
विशिष्ट स्थान:
"कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखूं तेरा नजारा॥"
माता का प्रमुख स्थान कलकत्ता है और हर जगह उनकी उपस्थिति महसूस की जाती है।
स्तुति और कृपा:
"सभी देवता सब नर-नारी। गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥"
सभी देवता और लोग माता की स्तुति करते हैं। उनकी कृपा से कोई भी दुख नहीं रहता।
भक्तों की सुरक्षा:
"रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा। कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥"
माता की कृपा से भक्तों को कोई भी दुःख, चिंता, या बीमारी नहीं होती।
कष्ट से मुक्ति:
"ना कोई चिंता रहे ना बीमारी। ना कोई गम ना संकट भारी॥"
माता के आशीर्वाद से भक्तों की चिंता, बीमारी, और संकट समाप्त हो जाते हैं।
भक्ति और आशीर्वाद:
"उस पर कभी कष्ट ना आवे। महाकाली माँ जिसे बचावे॥"
माता महाकाली अपने भक्तों को हर कष्ट से बचाती हैं।

श्री कालरात्रि माता जी की आरती का प्रभाव:

मानसिक और शारीरिक शांति:
माता की आरती से भक्तों को मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यह भक्तों को चिंता और बीमारी से मुक्ति प्रदान करती है।
भक्ति और समर्पण:
नियमित आरती से भक्तों की भक्ति और समर्पण में वृद्धि होती है। यह माता के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा को प्रकट करती है।
संकट नाशक:
आरती के माध्यम से भक्तों के जीवन की समस्याएँ और संकट दूर होते हैं। माता के आशीर्वाद से कठिनाईयाँ समाप्त होती हैं।

श्री कालरात्रि माता जी की आरती का आध्यात्मिक लाभ:

आध्यात्मिक उन्नति:
माता कालरात्रि की आरती से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह उनके भक्ति और समर्पण को प्रगाढ़ करता है।
सुरक्षा और रक्षा:
इस आरती के पाठ से भक्तों को माता का सुरक्षा और रक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह उनके जीवन में संकटों से मुक्ति लाती है।
धार्मिक समृद्धि:
नियमित रूप से आरती करने से भक्तों को धार्मिक समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। माता का आशीर्वाद उन्हें सुख और समृद्धि प्रदान करता है।
सारांश में:
श्री कालरात्रि माता की आरती माता की महिमा का गुणगान करती है, उनके दिव्य स्वरूप की पूजा करती है, और भक्तों के जीवन को सुख और समृद्धि प्रदान करती है। यह आरती मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, और संकटों से मुक्ति का साधन है।

यहां से आप अन्य पेज पर जा सकते हैं:


Rahu Dosh

राहु के प्रभाव और उसके उपायों के बारे में जानें


शनि की साढ़े साती का प्रभाव

जानें कैसे राशियां इन कठिन चरणों से गुजर रही हैं।


क्या हनुमान जी आज भी हमारे बीच हैं?

उनकी अमरता का ऐसा रहस्य जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।


काल भैरव मंदिर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

जानें वाराणसी का वह दिव्य स्थल, जहां हर मनोकामना पूर्ण होती है।


काल भैरव मंदिर, उज्जैन (मध्य प्रदेश)

जानें उज्जैन का रहस्यमय कोतवाल और अद्भुत धार्मिक स्थल


Mahakumbh 2025

इस पवित्र संगम में स्नान कर जानिए मोक्ष का मार्ग, संतों का आशीर्वाद और इस आयोजन की आध्यात्मिक गहराई।

नवंबर और दिसंबर 2024 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त

शादी की तारीख तय करने से पहले पढ़ें!