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Shri Govardhan Ji Ki Arti Lyrics

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।...
तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।...

तेरी सात कोस की परिकम्मा, चकलेश्वर है विश्राम।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।...

तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ, ठोड़ी पे हीरा लाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।...

तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ, तेरी झाँकी बनी विशाल।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।...

गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण, करो भक्त का बेड़ा पार।
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।...
|| इति संपूर्णंम् ||


श्री गोवर्धन महाराज की आरती का महत्व

श्री गोवर्धन महाराज की आरती का सारांश, प्रभाव और आध्यात्मिक लाभ

आरती का सारांश:
श्री गोवर्धन महाराज की आरती भगवान गोवर्धन की पूजा और स्तुति का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसमें भगवान गोवर्धन की सुंदरता और महिमा का वर्णन किया गया है:

मुकुट और आभूषण:
"तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ" - भगवान गोवर्धन के माथे पर एक भव्य मुकुट है, जो उनकी महिमा और शक्ति का प्रतीक है।
"तेरे गले में कण्ठा साज रहेओ, ठोड़ी पे हीरा लाल" - उनके गले में आभूषण और ठोड़ी पर लाल हीरा सजाया गया है, जो उनके सुंदर और दिव्य स्वरूप को दर्शाता है।

पानी, फूल, और दूध:
"तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े, तोपे चढ़े दूध की धार" - भगवान गोवर्धन को पान, फूल, और दूध अर्पित किया जाता है, जो उनकी पूजा का हिस्सा है।

परिकम्मा और विश्राम:
"तेरी सात कोस की परिकम्मा, चकलेश्वर है विश्राम" - गोवर्धन पर्वत की सात कोस की परिकम्मा की जाती है और चकलेश्वर विश्राम करते हैं।

कुण्डल और विशाल झाँकी:
"तेरे कानन कुण्डल चमक रहेओ, तेरी झाँकी बनी विशाल" - भगवान गोवर्धन के कान में कुण्डल चमक रहे हैं और उनकी झाँकी विशाल और दिव्य है।

भक्तों की प्रार्थना:
"गिरिराज धरण प्रभु तेरी शरण, करो भक्त का बेड़ा पार" - भक्त भगवान गोवर्धन की शरण में आते हैं और उनकी कृपा से अपने जीवन को सफल बनाने की प्रार्थना करते हैं।

आरती का प्रभाव:
सुख और समृद्धि:
श्री गोवर्धन महाराज की आरती का प्रभाव भक्तों के जीवन में सुख और समृद्धि लाने वाला होता है। भगवान गोवर्धन की पूजा से आर्थिक और आध्यात्मिक समृद्धि प्राप्त होती है।

सुरक्षा और शांति:
आरती का नियमित पाठ जीवन में सुरक्षा और शांति प्रदान करता है। भगवान गोवर्धन की कृपा से सभी विघ्न और बाधाएँ दूर होती हैं।

भक्तों की कठिनाइयों का समाधान:
भगवान गोवर्धन की आरती से भक्तों की कठिनाइयों और समस्याओं का समाधान होता है। यह आरती जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने में मदद करती है।

श्री गोवर्धन महाराज की आरती के आध्यात्मिक लाभ:

आध्यात्मिक उन्नति:
श्री गोवर्धन महाराज की आरती से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह आरती भक्तों को भगवान की भक्ति और समर्पण की भावना को बढ़ावा देती है।

भक्ति और समर्पण:
आरती के माध्यम से भक्त भगवान गोवर्धन के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण व्यक्त करते हैं। इससे उनकी भक्ति में वृद्धि होती है और उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।

मानसिक शांति:
आरती का पाठ मानसिक शांति और संतोष प्रदान करता है। भक्तों को आरती करने से मन की शांति और स्थिरता प्राप्त होती है, जिससे जीवन में संतुलन बना रहता है।

सारांश में:
श्री गोवर्धन महाराज की आरती भगवान गोवर्धन की महिमा और शक्ति का वर्णन करती है, उनकी पूजा और आरती से भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त होती है। यह आरती आध्यात्मिक उन्नति, भक्ति, और मानसिक शांति का स्रोत होती है।

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