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Shri Dhanvantari Ji Ki Arti Lyrics

जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ितजन-जन सुख देवा॥

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए॥
जय धन्वन्तरि देवा॥x2

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया॥
जय धन्वन्तरि देवा॥x2

भुजा चार अति सुन्दर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी॥
जय धन्वन्तरि देवा॥x2

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे॥
जय धन्वन्तरि देवा॥x2

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा॥
जय धन्वन्तरि देवा॥x2

धन्वन्तरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे॥
जय धन्वन्तरि देवा॥x2

|| इति संपूर्णंम् ||


श्री धन्वंतरि जी की आरती का महत्व

श्री धन्वंतरि जी की आरती का सारांश, प्रभाव और आध्यात्मिक लाभ

आरती का सारांश:
श्री धन्वंतरि जी की आरती एक भक्ति गीत है जो भगवान धन्वंतरि की पूजा और स्तुति में गाया जाता है। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता हैं और उनकी पूजा रोगों और बीमारियों से मुक्ति के लिए की जाती है। इस आरती में भगवान धन्वंतरि की महिमा, उनके योगदान और भक्तों के लिए उनके आशीर्वाद की प्रार्थना की जाती है।

धन्वंतरि का महत्त्व
"जय धन्वन्तरि देवा, जय धन्वन्तरि जी देवा" - भगवान धन्वंतरि की जयकार और उनकी स्तुति की जाती है। वे बीमारी और स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों को राहत देने वाले देवता हैं।

समुद्र मंथन की कथा
"तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए" - भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश के साथ प्रकट हुए और देवताओं और असुरों के संकटों को दूर किया।

आयुर्वेद का निर्माण

"आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया" - भगवान धन्वंतरि ने आयुर्वेद की स्थापना की और इसे दुनिया में फैलाया, जो स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।

भुजाओं की सुंदरता और आयुर्वेद की सम्पदा
"भुजा चार अति सुन्दर, शंख सुधा धारी" - भगवान धन्वंतरि की चार सुंदर भुजाएँ हैं और वे शंख और आयुर्वेदिक वनस्पतियों से सुशोभित हैं।

भक्तों के लिए आशीर्वाद
"तुमको जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे" - जो भक्त भगवान धन्वंतरि की निरंतर पूजा और ध्यान करते हैं, उनके जीवन से रोग और शोक दूर हो जाते हैं।

वैद्य समाज की श्रद्धा
"हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा" - वैद्य समाज भगवान धन्वंतरि के चरणों में श्रद्धा पूर्वक समर्पित होता है और उनकी पूजा करता है।

श्री धन्वंतरि जी की आरती के प्रभाव:

रोगों से मुक्ति
भगवान धन्वंतरि की आरती का पाठ करने से रोगों से राहत मिलती है और स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह आरती बीमारियों से बचाव और उपचार में मदद करती है।

सुख-समृद्धि की प्राप्ति
आरती के नियमित पाठ से सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है।

आध्यात्मिक और शारीरिक उन्नति
आरती भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद से भक्तों की शारीरिक और मानसिक स्थिति में सुधार होता है। यह आरती मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करती है।

श्री धन्वंतरि जी की आरती के आध्यात्मिक लाभ:

आध्यात्मिक उन्नति
भगवान धन्वंतरि की आरती से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उनके प्रति भक्ति और समर्पण में वृद्धि होती है।

स्वास्थ्य और लंबी उम्र
नियमित रूप से धन्वंतरि आरती करने से जीवन में स्वास्थ्य और दीर्घकालिक सुख की प्राप्ति होती है। यह आरती आयुर्वेद के प्रति भक्तों की समझ और भक्ति को भी बढ़ाती है।

मानसिक शांति
भगवान धन्वंतरि की आरती से मानसिक शांति और संतोष प्राप्त होता है। यह आरती तनाव और चिंता को दूर करती है और आत्मा को शांति प्रदान करती है।

सारांश में: श्री धन्वंतरि की आरती भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद की प्रार्थना करती है, रोगों से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए होती है। यह आरती स्वास्थ्य में सुधार लाती है, मानसिक शांति प्रदान करती है और भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती है।

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