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Shri Brahmacharini Mata Ji Ki Arti Lyrics

जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥
ब्रह्म मन्त्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सरल संसारा॥
जय गायत्री वेद की माता।
जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥
कमी कोई रहने ना पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए॥
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने॥
रद्रक्षा की माला ले कर।
जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर॥
आलस छोड़ करे गुणगाना।
माँ तुम उसको सुख पहुँचाना॥
ब्रह्मचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम॥
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी॥
|| इति संपूर्णंम् ||


श्री ब्रह्मचारिणी माता जी की आरती का महत्व

श्री ब्रह्मचारिणी माता जी की आरती का सारांश, प्रभाव और आध्यात्मिक लाभ

आरती का सारांश:
श्री ब्रह्मचारिणी माता की आरती भक्तों द्वारा श्रद्धा और भक्ति के साथ गाई जाती है। इसमें माता के दिव्य स्वरूप, उनके गुण, और उनकी आराधना का गुणगान किया गया है। यहाँ पर इस आरती के प्रमुख बिंदुओं का सारांश प्रस्तुत किया गया है:
माता की महिमा और आराधना:
"जय अम्बे ब्रह्मचारिणी माता।जय चतुरानन प्रिय सुख दाता॥"
माता ब्रह्मचारिणी की स्तुति की जाती है, जो चतुरानन (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) को प्रिय और सुख प्रदान करने वाली हैं।
माता की दिव्यता और ज्ञान:
"ब्रह्मा जी के मन भाती हो।ज्ञान सभी को सिखलाती हो॥"
माता ब्रह्मचारिणी ब्रह्मा जी को प्रिय हैं और सभी को ज्ञान प्रदान करती हैं।
गायत्री माता की महिमा:
"जय गायत्री वेद की माता।जो जन जिस दिन तुम्हें ध्याता॥"
माता गायत्री को भी आरती में सम्मानित किया जाता है। जो भक्त माता ब्रह्मचारिणी की आराधना करता है, उसकी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
भक्तों की समस्याओं का समाधान:
"कमी कोई रहने ना पाए।कोई भी दुख सहने न पाए॥"
माता से प्रार्थना की जाती है कि भक्तों की कोई कमी न रहे और वे किसी भी दुख को सहन न करें।
भक्ति और श्रद्धा:
"रुद्रक्षा की माला ले कर।जपे जो मन्त्र श्रद्धा दे कर॥"
जो भक्त श्रद्धा के साथ रुद्राक्ष की माला लेकर मंत्र जाप करता है, माता उसे सुख प्रदान करती हैं।
माता की कृपा:
"आलस छोड़ करे गुणगाना।माँ तुम उसको सुख पहुँचाना॥"
आलस्य को त्याग कर माता की आराधना करने वाले भक्त को माता सुख प्रदान करती हैं।
माता की कृपा की प्रार्थना:
"ब्रह्मचारिणी तेरो नाम।पूर्ण करो सब मेरे काम॥"
भक्त प्रार्थना करता है कि माता ब्रह्मचारिणी के नाम की महिमा से उसके सभी काम पूरे हों।
भक्तों की आराधना:
"भक्त तेरे चरणों का पुजारी।रखना लाज मेरी महतारी॥"
भक्त माता के चरणों में भक्ति करता है और माता से प्रार्थना करता है कि उसकी लाज रखी जाए।

माता ब्रह्मचारिणी की आरती का प्रभाव:

मन की शांति और संतोष:
माता ब्रह्मचारिणी की आरती से भक्तों को मानसिक शांति और संतोष प्राप्त होता है। यह आरती भक्तों के मन को शांति प्रदान करती है।
भक्ति और समर्पण:
आरती का नियमित पाठ भक्तों की भक्ति और समर्पण को बढ़ाता है। यह माता के प्रति गहरी श्रद्धा और प्रेम को दर्शाता है।
धार्मिक समृद्धि:
आरती के माध्यम से भक्तों को माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो उनके जीवन में धार्मिक समृद्धि और सुख-समृद्धि लाता है।

माता ब्रह्मचारिणी की आरती के आध्यात्मिक लाभ:

आध्यात्मिक उन्नति:
माता ब्रह्मचारिणी की आरती से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह उनकी भक्ति और समर्पण को प्रगाढ़ करता है।
संकट नाशक:
इस आरती के पाठ से जीवन की समस्याओं और संकटों का समाधान होता है। माता का आशीर्वाद प्राप्त करने से भक्तों के जीवन में बाधाएँ दूर होती हैं।
आशीर्वाद की प्राप्ति:
नियमित रूप से इस आरती का पाठ करने से भक्तों को माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है।
सारांश में:
श्री ब्रह्मचारिणी माता की आरती माता के दिव्य स्वरूप और उनके गुणों की महिमा का गुणगान करती है। यह आरती भक्तों के जीवन को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करती है। यह आध्यात्मिक उन्नति, संकटों से मुक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने का साधन है।

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