Chalisa Arti Paath & Stuti Mantra & Japa Festivals Vart & Katha Dharmik Blog

Shri Bhairava Ji Ki Arti Lyrics

सुनो जी भैरव लाड़िले॥....
कर जोड़ कर विनती करूँ।
कृपा तुम्हारी चाहिए, मैं ध्यान तुम्हारा ही धरूँ।
मैं चरण छुता आपके, अर्जी मेरी सुन लीजिये॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥....

मैं हूँ मति का मन्द, मेरी कुछ मदद तो कीजिये।
महिमा तुम्हारी बहुत, कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूँ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥....

करते सवारी स्वान की, चारों दिशा में राज्य है।
जितने भूत और प्रेत, सबके आप ही सरताज हैं॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥....

हथियार हैं जो आपके, उसका क्या वर्णन करूँ।
माता जी के सामने तुम, नृत्य भी करते सदा॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥....

गा गा के गुण अनुवाद से, उनको रिझाते हो सदा।
एक सांकली है आपकी, तारीफ उसकी क्या करूँ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥....

बहुत सी महिमा तुम्हारी, मेंहदीपुर सरनाम है।
आते जगत के यात्री, बजरंग का स्थान है॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥....

श्री प्रेतराज सरकार के, मैं शीश चरणों में धरूँ।
निशदिन तुम्हारे खेल से, माताजी खुश रहें॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥....

सिर पर तुम्हारे हाथ रख कर, आशीर्वाद देती रहें।
कर जोड़ कर विनती करूँ, अरु शीश चरणों में धरूँ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥....

|| इति संपूर्णंम् ||


श्री भैरव जी कीआरती का महत्व

श्री भैरव जी की आरती का सारांश, प्रभाव और आध्यात्मिक लाभ

आरती का सारांश:

श्री भैरव जी की आरती भक्ति भाव से गाई जाती है, जिसमें भैरव भगवान की महिमा और कृपा की प्रार्थना की जाती है। यहाँ पर दी गई आरती में भैरव भगवान के गुण और उनके प्रति श्रद्धा का वर्णन किया गया है:

भैरव जी की कृपा की प्रार्थना

आरती की शुरुआत में भक्त भगवान भैरव जी से कृपा की प्रार्थना करता है और उनसे ध्यान और आशीर्वाद की याचना करता है।
"सुनो जी भैरव लाड़िले, कर जोड़ कर विनती करूँ" - भक्त विनम्रता से भगवान भैरव जी से कृपा की याचना करता है।

भैरव जी की महिमा का वर्णन

"हथियार हैं जो आपके, उसका क्या वर्णन करूँ" - भगवान भैरव जी के शक्तिशाली हथियारों और उनकी शक्ति का वर्णन किया गया है।
"जितने भूत और प्रेत, सबके आप ही सरताज हैं" - भगवान भैरव जी भूत और प्रेतों के प्रमुख हैं और चारों दिशा में उनका प्रभाव है।

भैरव जी के भक्तिपूर्ण कार्य

"सवारी स्वान की, चारों दिशा में राज्य है" - भगवान भैरव जी कुत्ते की सवारी करते हैं और उनके शासन का प्रभाव चारों दिशाओं में फैला हुआ है।
"माता जी के सामने तुम, नृत्य भी करते सदा" - भगवान भैरव जी माता के सामने हमेशा नृत्य करते हैं और उनका भक्तिपूर्ण रूप दर्शाते हैं।

आरती का आदान-प्रदान

भक्त भगवान भैरव जी की महिमा गाते हुए उनकी पूजा करता है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति की कामना करता है।
"श्री प्रेतराज सरकार के, मैं शीश चरणों में धरूँ" - भक्त भगवान भैरव जी के चरणों में शीश झुकाता है और उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना करता है।

भगवान भैरव जी की आरती का प्रभाव:

विघ्नों की समाप्ति

भगवान भैरव जी की आरती से जीवन की बाधाएँ और समस्याएँ समाप्त होती हैं। भैरव जी के आशीर्वाद से कठिनाइयाँ दूर होती हैं।

शांति और सुरक्षा

आरती के माध्यम से भक्त भगवान भैरव जी से शांति और सुरक्षा की प्रार्थना करता है। यह आरती जीवन में मानसिक और शारीरिक सुरक्षा प्रदान करती है।

भक्ति और समर्पण

भैरव जी की आरती भक्ति और समर्पण की भावना को प्रबल करती है। भक्त भगवान भैरव जी के प्रति अपने भाव और श्रद्धा को व्यक्त करता है।

भैरव जी की आरती के आध्यात्मिक लाभ:

आध्यात्मिक उन्नति

भैरव जी की आरती से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उनकी भक्ति में वृद्धि होती है। यह आरती आस्था और विश्वास को मजबूत करती है।

मानसिक शांति

आरती का पाठ मानसिक शांति और संतोष प्रदान करता है। भक्त भगवान भैरव जी की आरती से मानसिक तनाव को कम करता है और शांति प्राप्त करता है।

आशीर्वाद की प्राप्ति

नियमित रूप से भगवान भैरव जी की आरती करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और सुरक्षा मिलती है।

सारांश में: श्री भैरव जी की आरती भक्ति और समर्पण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें भगवान भैरव जी की महिमा, उनकी शक्ति, और उनके भक्तों के प्रति कृपा का वर्णन किया गया है। यह आरती भक्तों को विघ्नों से मुक्ति, मानसिक शांति, और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करती है।

यहां से आप अन्य पेज पर जा सकते हैं:


Rahu Dosh

राहु के प्रभाव और उसके उपायों के बारे में जानें


शनि की साढ़े साती का प्रभाव

जानें कैसे राशियां इन कठिन चरणों से गुजर रही हैं।


क्या हनुमान जी आज भी हमारे बीच हैं?

उनकी अमरता का ऐसा रहस्य जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।


काल भैरव मंदिर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)

जानें वाराणसी का वह दिव्य स्थल, जहां हर मनोकामना पूर्ण होती है।


काल भैरव मंदिर, उज्जैन (मध्य प्रदेश)

जानें उज्जैन का रहस्यमय कोतवाल और अद्भुत धार्मिक स्थल


Mahakumbh 2025

इस पवित्र संगम में स्नान कर जानिए मोक्ष का मार्ग, संतों का आशीर्वाद और इस आयोजन की आध्यात्मिक गहराई।

नवंबर और दिसंबर 2024 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त

शादी की तारीख तय करने से पहले पढ़ें!