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Shri Ahoi Mata Ji Ki Arti Lyrics

जय अहोई माता, जय अहोई माता।
तुमको निसदिन ध्यावतहर विष्णु विधाता।
जय अहोई माता॥...

ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमलातू ही है जगमाता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावतनारद ऋषि गाता।
जय अहोई माता॥...

माता रूप निरंजनसुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावतनित मंगल पाता।
जय अहोई माता॥...

तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।
कर्म-प्रभाव प्रकाशकजगनिधि से त्राता।
जय अहोई माता॥...

जिस घर थारो वासावाहि में गुण आता।
कर न सके सोई कर लेमन नहीं धड़काता।
जय अहोई माता॥...

तुम बिन सुख न होवेन कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभवतुम बिन नहीं आता।
जय अहोई माता॥...

शुभ गुण सुंदर युक्ताक्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दश तोकूकोई नहीं पाता।
जय अहोई माता॥...

श्री अहोई माँ की आरतीजो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजेपाप उतर जाता।
जय अहोई माता॥...

|| इति संपूर्णंम् ||


श्री अहोई माता जी की आरती का महत्व

श्री अहोई माता जी की आरती का सारांश, प्रभाव और आध्यात्मिक लाभ

आरती का सारांश:
श्री अहोई माता की आरती भक्तों द्वारा निष्ठा और श्रद्धा के साथ गाई जाती है। इस आरती में माता अहोई की महिमा, उनके दिव्य स्वरूप, और उनकी पूजा का वर्णन किया गया है। यहाँ पर इस आरती के मुख्य बिंदुओं का सारांश प्रस्तुत किया गया है:
माता की पूजा और महिमा:
"जय अहोई माता, मैया जय अहोई माता।"
भक्त माता अहोई की पूजा करते हुए उनकी जयकार करते हैं और आरती गाते हैं।
माता की कृपा और सुरक्षा:
आरती में माता अहोई की कृपा, सुरक्षा, और भक्तों पर उनकी दृष्टि का वर्णन किया जाता है। माता की पूजा से भक्तों को उनके परिवार और संतान के लिए सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
आरती के अवसर:
"हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता॥"
भक्त माता के चरणों में हाथ जोड़कर आरती गाते हैं और उनकी आराधना करते हैं।
माता के दिव्य रूप का वर्णन:
आरती में माता के दिव्य रूप, उनकी शक्तियों और उनके आशीर्वाद का गुणगान किया जाता है। माता की विशेषताएँ और उनकी महिमा भक्तों को प्रेरित करती हैं।
आरती का प्रभाव:
भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि:
आरती का नियमित पाठ भक्तों की भक्ति और श्रद्धा को प्रगाढ़ करता है। यह माता के प्रति गहरी श्रद्धा और प्रेम को दर्शाता है।
मन की शांति और संतोष:
माता अहोई की आरती से भक्तों को मानसिक शांति और संतोष प्राप्त होता है। यह आरती भक्तों के मन को शांति प्रदान करती है और उन्हें आंतरिक सुकून देती है.
परिवार और संतान की सुरक्षा:
आरती के माध्यम से माता अहोई से परिवार और संतान के लिए सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। माता की कृपा से जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है.
श्री अहोई माता जी के आध्यात्मिक लाभ:
आध्यात्मिक उन्नति:
माता अहोई की आरती से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह उनकी भक्ति और समर्पण को बढ़ाता है और उन्हें आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाता है.
संकट नाशक:
इस आरती के पाठ से जीवन की समस्याओं और संकटों का समाधान होता है। माता का आशीर्वाद प्राप्त करने से भक्तों के जीवन में बाधाएँ दूर होती हैं और कठिनाइयाँ कम होती हैं.
आशीर्वाद की प्राप्ति:
नियमित रूप से इस आरती का पाठ करने से भक्तों को माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उनके जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है। माता की कृपा से उनके मनोबल में वृद्धि होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं.
सारांश में:
श्री अहोई माता की आरती माता की महिमा का गुणगान करती है, उनके दिव्य स्वरूप की पूजा करती है, और भक्तों के जीवन को सुख और समृद्धि प्रदान करती है। यह आरती मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, और संकटों से मुक्ति का साधन है।

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